शनिवार, 27 नवंबर 2010

" कल की सोचें "

कल की सोचें , कल का निर्णय आज ही लेना होगा| क्योकि आने वाला कल बेहद मुश्किलों भरा और संघर्ष पूर्ण होगा| यदि हमने अपने ऐशो आराम छोड़कर आने वाले समाज की चिंता नहीं की तो आने वाली नस्लें हमें बुरा कहती नज़र आएँगी| शिक्षित समाज ही विकास कर सकता है,इसके लिए आवश्यक है कि हम जागरूकता लाये और अपने खर्चो मे कटोती करके अपने बच्चो को शिक्षा दिलाये साथ ही समाज का संगठन बनाकर उसमे अपने योगदान सुनिश्चित करे

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