शनिवार, 1 सितंबर 2012

लोध और मल्लाह अलग अलग जातियां

हमारे कुछ लोग लोध जाति को मल्लाह जाति से सम्बंधित बताते हैं और दोनों जातियों को विवाह सम्बन्ध द्वारा एक होने की सलाह देते हैं ।  लोध और मल्लाह दो अलग अलग जातियां हैं | लोध एक पारंपरिक कृषक जाति है जबकि मल्लाह / निषाद मूलतः शिकारी ,आखेटक, और नाविक जाति है ,साथ ही भूमिहीन भी | इस कारण लोध एक प्रथक जाति है और मछुआ संस्कृति से सर्वथा भिन्न है | हालांकि आगरा, फिरोजाबाद, कन्नोज कानपुर में कुछ निषाद परिवारों के लोध में शादी व्याह के उदाहरण हैं जो केवल उन्ही परिवारों में है समृद्ध, शिक्षित और विकसित है,गरीब नहीं
निषाद जातियों का मुख्य व्यवसाय कृषि कभी नहीं रहा | हो सकता है मजबूरी वश नदी ,पोखर तालाब सूख जाने के कारण कतिपय निषादों ने खेती शुरू कर दी हो लेकिन निषाद जातियों के मानवशास्त्री अध्ययन में उनके शिकारी , पक्षी आखेटक, मत्स्य आखेटक , सिंघाड़ा उत्पादक व खीरा ककड़ी उगाने का कार्य करना प्रमाणित हुआ है | जबकि लोध जाति जाट एवं कुर्मी की भाँति मुख्यतः कृषक जाति है , नाव चलाना तो दूर लोध ने आज तक मच्छली का शिकार नहीं किया | लोध जाति मुख्यत शाकाहारी है जबकि निषाद जातियां मूलत मांसाहारी | मछुआ समुदाय एक बहिष्कृत समाज है | आज भी इस जाति के लोगों के मकान बीच गाँव में न होकर गाँव के बाहरी हिस्सों में पाए गए हैं , ये तथ्य शोध में प्रमाणित हो चुका है | इसी कारण हमारे लोग अनूसूचित जाति के मानक पूरे करते पाए गए , जबकि लोध अपना सम्बन्ध लोध क्षत्रीय , लोध राजपूत से बताते हैं | दोनों वर्गों में समानता का प्रश्न ही नहीं उठता व निषाद संस्कृति से लोध जाति का प्रत्यक्षतः कोई सम्बन्ध प्रमाणित नहीं होता |
जहाँ तक दोनों जातियों के एकीकरण की बात है तो ये मुख्यतः राजनैतिक विषय है | राजनेता अपना आधार बढ़ाने के लिए दूसरी जातियों में सम्बन्ध जोड़ने और जातीय आधार बढ़ाने के पक्षधर रहे हैं ,ये कदम सही हो सकता है | लेकिन जब एकीकरण की बात हो तो लोध ही क्यों........ समस्त पिछड़े वर्ग और दलित समाज को एक होना चाहिए | हमें सभी Husbandry जातियों जैसे शिकारी ,आखेटक ,पशुपालक ,गूजर ,गडरिया ,खटिक , चिड़ीमार , मछुआरा, बहेलिया आदि जातियों को पहले एकजुट होना चाहिए , लोध ही क्यों ......?

18 टिप्‍पणियां:

  1. आम तौर पर एक जाति उसे माना जाता हैजिनमें परस्पर रोटी-बेटी का रिश्ता सर्व सामान्य की स्वीकृति से होता हो. यानि अरेंज मेरिज होती हों. इक्का-दुक्का प्रेम विवाह या वोट बैंक की नीयत से चालाक राज नेताओं की तिकड़म से संपन्न दो भिन्न जातियों के लड़के लड़की के विवाह रोटी-बेटी के रिश्ते की श्रेणी में शुमार नहीं होते. वैसे जाति जो की कास्ट का हिंदी अनुवाद है भारतीय जन समुदायों के लिये उपयुक्त शब्द नहीं है. यहाँ के समुदायों के लिये जात शब्द का प्रयोग ही सही भाव एवं अर्थ प्रदान करता है. जात का सम्बन्ध जन्म से है. अर्थात जिसने जिस जात में जन्म लिया व्ही उसकी जात है, इसी भाव के तहत यहाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई भी प्रथक जात मने जाते हैं. लोध एवं मल्लाह न तो एक सामान समुदाय में जन्म लेने वाली जातें हैं और न ही उनमे रोटी-बेटी का रिश्ता आम है. इनकी संस्कृति, पेशा, प्रस्थिति (status) भी भिन्न है अतः स्वयं सिद्ध की ये दोनों प्रथक जातियां हैं. फिर भी यह एक आदर्श स्थिति होगी यदि समस्त पिछड़ी जातियों में रोटी-बेटी के रिश्ते होने लगें. इंजीनियर बी. के. लोधी , रिसर्च स्कालर ,कास्ट सिस्टम .

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  2. Wrong information
    Sabhi Mallah aise nahi hote
    Sabhi lodhi shakahari nahi hote

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    1. तेरी मां की च** रंडी के बच्चे बहन के लोड़े तेरी मां के भोंसड़ा में ल** डाल दो सो जाऊंगा बहन के लोड़े लोधी राजपूत अलग है और लोग गोत्र वाले निषाद अलग हैं बहन के लड़ो अपने बाप को बाप को ना रंडी के बच्चों के

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    2. Sale lodhi mallah me koi Samanta nhi mallah sudra h lodhi ek kshatriya jati h

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    3. Aaja Bihar dikhata hu kitna mallah jamindar hai aur ham mallah me hi aate hai Lekin jati ka Gorhi kahlate aur hamara puravaj angrej ke jamane me raja the aur usi samay se singh surname lagate aaya hai aur jo sirf mallah hai wo chauhdry surname lagta hai agar tu yha aakar shudra sabd ka use karega to teri gand me bansh kar denge sale tu itihas ka pata kar tera purvaj kaha se nikala hai

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  3. Wrong information
    Sabhi Mallah aise nahi hote
    Sabhi lodhi shakahari nahi hote

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  4. Bosdk ham nishad lodhi el hi hote jai lodi bansh kab se aaya ye pta kar be bahlol lodhi jisne lodhi bansh ki sthapna ki bo nishad hi tha be

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    1. Ek lodhi hai jise praman chahiye ki Lodhi aur Nishad ek hai
      Aapase mil sakata hai to de dijiye jaruri hai
      WhatsApp Number 93335934073

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    2. Lodhi, kashyap, bind aur Nishad ye ek hi hai Mai lodhi hu aur hamari bhabhi Nishad hai isame kya

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  5. आपने ये गलत लिखा है कि मछुआ समाज बहिष्कृत समाज है और इसका मकान गांव से दूर होता है मै खुद एक मछुआ समाज से हुं और मेरा पड़ोसी ब्राहम्ण हैं मेरे मुहल्लै मे यादव भी रहते हैं बनिया भी रहते हैं और मारवाड़ी भी रहते हैं और हमलोग मछली पकड़ने का काम नहीं करते हैं खेती करते हैं । और एक बात आपको किसने कहा कि मछुवा समाज के पास खेत नहीं होते हैं मेरे पूर्वजों के पास तो इतनी जमीन थी कि वो राजा हुआ करते थे अपने क्षेत्र का 300 एकड़ जमीन थी वो भी उस समय जब देश आजाद भी नहीं हुआ था मेरा चाचा अपने शहर का महापौर (मेयर) है और हमलोगो के जमीन पे बाजार लगता है जिस तरह आप अपने आप को लोधी बोलते हो उसी तरह हम अपने आप को गोढ़ी बोलते हैं। आप मछुआ समाज से नहीं है तो कम से सही जानकारी तो रखिए मछुआ को बहिष्कृत समाज कैसे बोल सकते हैं? जिसका राज्य श्रृंगवेरपुर में था और जिनका राजमहल 3 से 4KM तक फैला था वो राजा नहीं थे क्या?

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  6. Yaar Lodi bhaiyo yeh batao tumara janam kon si San me hua tha or tumara phela purvaj kon he jab bat karna yaar kuch bhi bolte ho yaar

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  7. Aap logo se request hai ki sahi shabdo ka use Karen.we all r backwards and we have to fight for our rights.so be educated and be collectively.

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  8. Lodhi aur nishad hai to alag alag but ab lodhi aur nishad me shaadia hone lagi hai

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