गुरुवार, 1 अगस्त 2013

दूर हटो ऐ आर्य विदेशी !

स्वामी होकर सेवक रहना, हमको नहीं गवारा है ।
दूर हटो ऐ आर्य विदेशी ! भारत वर्ष हमारा है ।।

हम भारत के मूलनिवासी , एकलव्य बन जायेंगे
हम लेंगे अर्जुन से बदला, हाथ काट ले जायेंगे
पक्षपाती गुरु द्रोण भी हमसे, हरगिज़ बच न पायेगा
कल अंगुष्ठ लिया था जिसने, गर्दन दे के जायेगा
हिन्दू होकर हिन्दू का, शोषण इतिहास तुम्हारा है ।

दूर हटो ऐ आर्य विदेशी ! भारत वर्ष हमारा है ।।

नदी घाट और ताल हमारे, पूँजीवाद के नाम हुए ।
हुए बेदखल मछुआ वंशज, पैतृक हक़ नीलाम हुए ॥
बोली लगती रही हमारे, सदियों के अधिकारों पर ।
और घबराये खड़े रहे हम, बेबस बने किनारों पर
इन्तजार करते हैं फिर कोई, राम पलट कर आएगा
हमें हमारी अंधभक्ति का, मोल वहीँ दे जायेगा
रामसखा के शत्रु  बनकर कहें राम अवतारा है ।

दूर हटो ऐ आर्य विदेशी ! भारत वर्ष हमारा है ।।

भूल ना करना, नहीं समझना, अब निषाद बँट जायेगा
जो थोडा सा बचा कुहासा, अति शीघ्र छंट जायेगा
फिर देंखें किसमें दमखम है, जो टकराने आएगा
साहस की अब अग्निपरीक्षा, हाँ निषाद जुट जायेगा
सत्ता चाहे कुछ भी कर ले, अब अधिकार न छोड़ेंगे
हम अपनी ताक़त के बल पर, दरिया का रुख मोडेंगे।
हम निषाद जंगल के वासी, जल पर राज हमारा है ।

दूर हटो ऐ आर्य विदेशी ! भारत वर्ष हमारा है ।।

कापीराईट @ अरुणकुमार तुरैहा

1 टिप्पणी:

  1. बलात्कारी हत्यारा अम्बेडकर का पूर्वज महारकुल एक विदेशी आक्रमकारी था।
    सारा इतिहास जानता है महारकुल के संस्थापक तोरमण ने विदेशी आक्रमण से सत्ता बनायी थी।

    आर्य अथार्त श्रेष्ठ को विदेशी केवल यूरोपियों ने अपनी सभ्यता को सर्वश्रेष्ठ बताने के लिए अपने को आर्य बताया तो तुमने सबको विदेशी बना डाला।
    बुद्ध के चार आर्य सत्य को तुमने अनार्य अम्बेडकर के असत्य बना डाले।

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